अयोग्य घोषित 11 दलबदलू पूर्व विधायक वर्षों से ले रहे पेंशन, RTI में खुलासा
चंडीगढ़। हरियाणा के कुल ग्यारह दलबदलू पूर्व विधायक वर्षों से पूर्व विधायक होने के नाते पेंशन व अन्य सुविधाएं ले रहे हैं। इनमें से 6 दलबदलू पूर्व विधायकों को 15 वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट दिसम्बर 2006 में अयोग्य घोषित कर चुकी है। जबकि स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित 5 अन्य दलबदलू पूर्व विधायकों के विरुद्ध सुनवाई पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वर्ष 2014 से लंबित है। आरटीआई एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने हरियाणा विधान सभा सचिवालय से आरटीआई में मिली जानकारी से यह खुलासा किया है। उन्होंने इन सभी दलबदलू ग्यारह पूर्व विधायकों की पेंशन को जनता के पैसे की लूट बताते हुए इसे तत्काल बंद करने व इनके द्वारा ली गई समस्त पेंशन, भत्ते, वेतन राशि की ब्याज सहित वसूली की मांग की है। कपूर ने बताया कि छः पूर्व विधायक जगजीत सांगवान, कर्ण सिंह दलाल, राजेन्द्र सिंह बीसला, देव राज दीवान, भीम सेन मेहता व जय प्रकाश गुप्ता जो कि 9 मार्च 2000 से 25 जून 2004 तक विधायक रहे। इन सभी छः विधायकों को तत्कालीन स्पीकर सतबीर कादियान ने 25 जून 2004 के अपने आदेश द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अपने 11 दिसम्बर 2006 के निर्णय के तहत इन विधायकों की अपील को डिसमिस कर स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित हुए 15 वर्ष बीत गए लेकिन ये दलबदलू पूर्व विधायक पेंशन व सुविधाएं बेरोकटोक ले रहे हैं । कपूर ने बताया कि इसी तरह वर्ष 2009 में हरियाणा जनहित पार्टी की टिकट पर चुनाव जीत कर कांग्रेस में शामिल हुए दलबदलू पाँच पूर्व विधायक भी पेंशन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। इनमें धर्मसिंह छोकर, राव नरेंद्र सिंह, जिले राम शर्मा, सतपाल सांगवान व विनोद भ्याना शामिल हैं। तत्कालीन विधान सभा स्पीकर कुलदीप शर्मा द्वारा इन पांचों विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने के बाद इन विधायकों की अपील वर्ष 2014 से हाईकोर्ट में लंबित है। इन विधायकों के खिलाफ तत्कालीन जनहित पार्टी सुप्रीमो कुलदीप बिश्नोई की याचिका भी हाई कोर्ट में विचाराधीन है।