नई दिल्ली। देश के प्रमुख शोध एवं विकास संस्थान- वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए उन्नत चिकित्सीय विकल्प विकसित करने के लिए एक प्रमुख अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनी माइलन लैबोरेटरीज लिमिटेड के साथ साझेदारी की घोषणा की है।
इस साझेदारी के तहत, सीएसआईआर की हैदराबाद स्थित घटक प्रयोगशाला इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (सीएसआईआर-आईआईसीटी)और माइलन लैबोरेटरीजकोविड-19 के लिए संभावित उपचारों की पहचान करने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे।
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भारत में कोविड-19 महामारी के प्रबंधन को केंद्र में रखकर नवोन्मेषी समाधान खोजने के लिए इस पहल के अंतर्गत चिकित्सीय परीक्षणों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी। यह चिकित्सीय परीक्षण एक त्रि-स्तरीय अध्ययन होगा, जिसमें कोविड-19 के हल्के, मध्यम और गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों को शामिल किया जाएगा।
सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर सी मांडे ने कहा है कि “माइलन के साथ यह साझेदारी एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। वर्तमान महामारी के दौरान सीएसआईआर ने उद्योग जगत के साथ मिलकर प्रभावी दवाओं के चिकित्सीय परीक्षण को प्राथमिकता दी है, ताकि कोविड-19 के खिलाफ विविध चिकित्सीय विकल्प विकसित किए जा सकें।"
सीएसआईआर-आईआईसीटी के निदेशक डॉ. चंद्रशेखर ने कहा है कि "ज्ञान और वैज्ञानिक साझेदार के रूप में माइलन के साथ जुड़कर हमें खुशी है। नैदानिक परीक्षणों और व्यावसायीकरण में माइलन के व्यापक अनुभव को देखते हुए हम कंपनी के साथ काम करने के लिए तत्पर हैं।"उल्लेखनीय है कि माइलन कुछ समय पूर्व भारत में एक नए ब्रांड के तहत कोरोना की रेमडेसिविर दवा भीलॉन्च कर चुकी है।
इस नई पहल के अंतर्गत चिकित्सीय परीक्षणों से संबंधित विनियामक मंजूरी प्राप्त करने के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के पास आवेदन भेजा जा चुका है। सीएसआईआर-महानिदेशक के मानद सलाहकार और जम्मू स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटिग्रेटिव मेडिसिन (सीएसआईआर-आईआईआईएम) के पूर्व निदेशक डॉ राम विश्वकर्मा को इस साझेदारी का नेतृत्व करने के लिए संरक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है।
माइलन के प्रमुख संचालन अधिकारी संजीव सेठी ने कहा है कि “सीएसआईआर के साथ हमारी यह रणनीतिक साझेदारी कोविड-19 के खिलाफ प्रभावी उपचार की पहचान के लिए की गई है। यह साझेदारी कई ऐसे तत्वों की पहचान करने में में भी मददगार हो सकती है, जो अन्य संक्रामक बीमारियों का उपचार विकसित करने में उपयोगी हो सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ने को लेकर माइलन अपनी जिम्मेदारी के प्रति सजग है। हम अपने शोध तथा विकास, नैदानिक अनुसंधान, विनियामक गतिविधियों,विनिर्माण और आपूर्ति श्रृंखला से युक्त वैश्विक संसाधनों व क्षमताओं के साथ इस दिशा में कार्य करने के लिए तैयार हैं। (इंडिया साइंस वायर)