बिजली दरों में बढ़ोत्तरी पर सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को घेरा

By  Arvind Kumar December 23rd 2020 06:34 PM -- Updated: December 24th 2020 08:55 AM

चंडीगढ़। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव, रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ग्रामीण इलाकों में बिजली दरों में बढ़ोत्तरी और बिजली उपभोक्ताओं पर ‘रेड राज’ के लिए खट्टर-चौटाला सरकार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने प्रदेश सरकार से ग्रामीण उपभोक्ताओं पर लगाए 2 प्रतिशत पंचायत टैक्स को तुरंत प्रभाव से वापस लेने की मांग की है। यह भी पढ़ें- हरियाणा कैबिनेट की बैठक खत्म, पंचायत टैक्स और रेवाड़ी में टोल प्लाजा लगाने का फैसला Haryana Electricityसुरजेवाला ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच प्रदेश के लोग पहले ही गिरते व्यापार, घटती आमदनी और बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी से परेशान हैं, लेकिन प्रदेश की जनविरोधी भाजपा-जजपा सरकार आम जनता को परेशान करने के नित रोज नए तरीके ढूंढ रही है। उन्होंने कहा कि पंचायतों का नाम लेकर जो दो प्रतिशत टैक्स गांवों के उपभोक्ताओं पर लगाई गई है, वह जनता के ऊपर वज्रपात के समान है और इससे प्रदेश की जनता पर 125 करोड़ रु. का बोझ पड़ेगा, जिसे किसी भी क़ीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पंचायतों को सहयोग करना सरकार की जिम्मेदारी है और पंचायतों के नाम पर टैक्स लगाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। [caption id="attachment_460369" align="aligncenter"]Electricity Price hike बिजली दरों में बढ़ोत्तरी पर सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को घेरा[/caption] प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बिजली कमी की शिकायतों का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एक तरफ तो प्रदेश के बिजली कारखाने बंद कर रखे हैं, वहीं बिजली में बड़े-बड़े अघोषित कट लगाए जा रहे हैं। जिन गांवों में 24 घंटे बिजली देने की घोषणा भी की गई थी, उन गांवों में भी केवल 10 से 12 घंटे बिजली दिए जाने की शिकायतें आम हैं। सरकार द्वारा किए गए बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हो रहे हैं। यह भी पढ़ें- अध्यापक पात्रता परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, दो व तीन जनवरी को होगा एग्जाम Haryana Cabinetबिजली उपभोक्ताओं को छापेमारी के नाम पर परेशान करने का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश सरकार ने आम बिजली उपभोक्ताओं को परेशान करने के लिए बिजली अधिकारियों को आम परिवारों, किसानों, दुकानदारों और व्यवसायियों के घरों और व्यवसायिक संस्थानों पर छापेमारी करने के लिए बड़े बड़े टारगेट दिए हुए हैं, जिसके दबाव में बिजली उपभोक्ताओं से अनुचित जुर्माने और अवैध वसूली के रूप में बड़ी-बड़ी रकमें ली जा रही हैं।

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