सीएम ने शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र को दी करोड़ों की सौगात, 13.08 करोड़ रुपये की योजनाओं के किए लोकार्पण
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह तारा देवी के 4.28 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित भवन तथा राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शोघी के 8.80 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर शोघी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने आनंदपुर-शोघी-जलेल-थड़ी-बढ़ई उठाऊ सिंचाई योजना और खटनोलू नाला से समस्त कोट पंचायत के लिए उठाऊ सिंचाई योजना का प्रावधान करने की घोषणा की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय शोघी में टीजीटी मेडिकल, नॉन मेडिकल और संस्कृत अध्यापकों के पद सृजित करने, विद्यालय की चार दिवारी के लिए 50 लाख रुपये तथा साउंड सिस्टम के लिए 3 लाख रुपये प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने शोघी में एचपीएसईबी का उपमंडल खोलने की घोषणा भी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दूरदराज क्षेत्रों में वर्तमान आवश्यकता के आधार पर आधारभूत संरचना विकसित की जा रही है। प्रदेश के छात्रों में योग्यता की कमी नहीं है और उन्हें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन के साथ सही अवसर प्रदान किए जाने चाहिए। भाजपा सरकार ने हिमाचल की संस्कृति के अनुरूप प्रदेश को आगे बढ़ाने का प्रयास किया है। सवा चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान कोविड-19 के संकट के बावजूद सरकार ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। सीएम जयराम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में देश कोविड के संकट काल से बाहर निकल कर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा भी दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिला यात्रियों को किराए में 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने का निर्णय लिया है। इससे महिलाओं को लगभग 60 करोड़ रुपये के लाभ प्राप्त होंगे। एक जुलाई से सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक जीरो बिल की सुविधा प्रदान करने व उनसे कोई विद्युत बिल न लेने का निर्णय भी लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के 11.5 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को 250 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे सभी परिवारों से पानी का कोई बिल न लेने का भी निर्णय लिया गया है, जिससे प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को 30 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान होंगे।