नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शनों का दौर लगातार जारी है। राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे लेकर प्रदर्शन किया जा रहा है। कई जगह प्रदर्शन ने हिंसक रूप भी धारण कर लिया है। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बहस, चर्चा और मतभेद लोकतंत्र का अहम हिस्सा हैं लेकिन सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जन-जीवन में व्यवधान हमारे लोकाचार का कभी भी हिस्सा नहीं रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि नागरिकता संशोधन कानून से देश का कोई भी नागरिक चाहे वह किसी भी धर्म का हो प्रभावित नहीं होगा। प्रधानमंत्री ने इस बारे में कई ट्वीट करते हुए कहा “नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शन दुर्भाग्यपूर्ण और अत्यंत दुखद हैं।’’
वहीं प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष गलत तथ्य बताकर हिंसा को भड़काने का काम कर रहा है। सरकार ने ये साफ किया है कि इस बिल का मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए मुस्लिमों को नागरिकता नहीं दी जाएगी। नागरिकता एक्ट के सेक्शन 6 और पांच को संशोधित नहीं किया गया है। ऐसे में कोई मुस्लिम अगर नागरिकताा मानकों पर खरा उतरता है तो इसे भारत की नागरिकता दी जाएगी। सरकार ने साफ किया है कि बीते वर्षों में सैकड़ों मुस्लिमों को भारत की नागरिकता दी गई है।
[caption id="attachment_370497" align="aligncenter"] नागरिकता संशोधन कानून का वो मतलब बिल्कुल भी नहीं जो निकाला जा रहा है....[/caption]
बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 संसद के दोनों सदनों द्वारा भारी बहुमत से पारित किया गया है। यह बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों और सांसदों के समर्थन से पारित हुआ है। सरकार के मुताबिक यह कानून सबको अपनाने, सौहार्द, भाईचारे और करूणा की देश की सदियों पुरानी संस्कृति का परिचायक है।
[caption id="attachment_370494" align="aligncenter"] नागरिकता संशोधन कानून का वो मतलब बिल्कुल भी नहीं जो निकाला जा रहा है....[/caption]
प्रधानमंत्री ने कहा ‘ मैं अपने समस्त देशवासियों को समान रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह कानून किसी भी धर्म के भारत के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है। किसी भी भारतीय को इसे लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यह कानून केवल उन लोगों के लिए है जिन्होंने वर्षों से बाहर उत्पीड़न का सामना किया है और जिनके पास भारत आने के अलावा और कोई जगह नहीं है। समय की आवश्यकता है कि हम सभी भारत के विकास तथा प्रत्येक देशवासी , विशेषकर गरीबों ,दलितों और समाज के हाशिये पर जी रहे लोगों को सशक्त बनाने के लिए मिल कर प्रयास करें। हम स्वार्थी तत्वों को हमें बांटने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते है।’
[caption id="attachment_370496" align="aligncenter"] नागरिकता संशोधन कानून का वो मतलब बिल्कुल भी नहीं जो निकाला जा रहा है....[/caption]
‘यह समय शांति,एकता और भाईचारा बनाए रखने का है। मेरी सभी से अपील है कि वे अफवाह और झूठ फैलाने वालों सें बचें।’
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