बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं अकाली दल का NDA से अलग होना

By  Arvind Kumar September 27th 2020 10:06 AM -- Updated: September 27th 2020 10:09 AM

चंडीगढ़। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से शिरोमणि अकाली दल का अलग होना भाजपा के लिए किसी झटके से कम नहीं है। खासकर जिस मुद्दे को लेकर अकाली दल ने एनडीए से अपना रिश्त तोड़ा है, उससे तो यही लगता है कि भाजपा ने इन बिलों पर अपने सहयोगियों को विश्वास में ना लेकर बड़ी गलती कर दी है! Akali Dal separated from NDA Shiromani Akali Dal News Update कृषि बिलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल लगातार केंद्र से नाराजगी जता रहा था। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सदन में भी खुलकर इन बिलों का विरोध किया था और कोई सुनवाई ना होने पर बाद में सरकार से हटने का फैसला ले लिया था। लेकिन अब पार्टी ने NDA से भी अपना रिश्ता तोड़ दिया है। यह भी पढ़ें: बरोदा में घेराव की घटना को जेपी दलाल ने बताया विपक्षी दलों की चाल यह भी पढ़ें: किसानों ने निकाली केंद्र सरकार की शव यात्रा, पुतला फूंका Akali Dal separated from NDA Shiromani Akali Dal News Update शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अब उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह पार्टी के कई सदस्यों की ओर से निर्णय लिया गया है। अब यह औपचारिक हो चुका है कि गठबंधन टूट चुका है। वहीं गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया है, "यदि 3 करोड़ पंजाबियों का दर्द और विरोध-प्रदर्शन भारत सरकार के कठोर रुख को बदलने में विफल रहता है, तो यह वाजपेयी जी और बादल साहब द्वारा परिकल्पित #NDA नहीं है। एक गठबंधन अपने सबसे पुराने सहयोगी के लिए कान बहरे कर देता है और पूरे देश को खिलाने वालों की अपील पर आंखें मूंद लेना कहीं से भी पंजाब के हित में नहीं है।" Akali Dal separated from NDA Shiromani Akali Dal News Update बता दें कि भाजपा के लिए अपने सहयोगियों के बीच विश्वास कायम रख पाना चुनौती बनता जा रहा है। इससे पहले शिवसेना भी एनडीए से अलग हो चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी अकाली दल के इस रुख के बाद किसान बिलों को लेकर क्या कदम उठाती है। ---PTC NEWS---

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