बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं अकाली दल का NDA से अलग होना
चंडीगढ़। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से शिरोमणि अकाली दल का अलग होना भाजपा के लिए किसी झटके से कम नहीं है। खासकर जिस मुद्दे को लेकर अकाली दल ने एनडीए से अपना रिश्त तोड़ा है, उससे तो यही लगता है कि भाजपा ने इन बिलों पर अपने सहयोगियों को विश्वास में ना लेकर बड़ी गलती कर दी है!
कृषि बिलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल लगातार केंद्र से नाराजगी जता रहा था। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सदन में भी खुलकर इन बिलों का विरोध किया था और कोई सुनवाई ना होने पर बाद में सरकार से हटने का फैसला ले लिया था। लेकिन अब पार्टी ने NDA से भी अपना रिश्ता तोड़ दिया है।
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शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अब उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह पार्टी के कई सदस्यों की ओर से निर्णय लिया गया है। अब यह औपचारिक हो चुका है कि गठबंधन टूट चुका है।