कृषि मंत्री जेपी दलाल बोले- अध्यादेशों पर विपक्षी दल बेवजह कर रहे राजनीति

By  Arvind Kumar September 19th 2020 10:06 AM -- Updated: September 19th 2020 11:27 AM

चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा है विपक्षी दल अब किसान को गुमराह नहीं कर सकते हैं क्योंकि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राज्य में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध व खुशहाल बनाने का संकल्प लिया है। दलाल ने कहा कि विपक्षी पार्टियां हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा किसान हित में लाए गए 3 अध्यादेशों पर बेवजह राजनीति कर रही हैं, जबकि हकीकत में ये अध्यादेश किसान हित में हैं। मंडियों के बाहर अगर किसान अपनी उपज बेचना चाहे तो सरकार को कोई आपत्ति नहीं। मंडियों में पहले की तरह फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होती रहेगी। अध्यादेशों के माध्यम से किसानों को अतिरिक्त सुविधा दी गई है। किसान अपनी उपज में केवल अपने प्रदेश की मंडियों में बल्कि अन्य राज्यों की मंडियों में भी अपनी सुविधा के अनुसार बेच सकता है।   Agriculture Minister JP Dalal said - Opposition parties are doing politics on ordinances hn (1) यह भी पढ़ें: हरसिमरत के इस्तीफे के बाद दुष्यंत पर भी बढ़ा दबाव यह भी पढ़ें: 3 कृषि कानूनों को लेकर दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने गठबंधन सरकार पर दागे सवाल उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों को अपना भाई व मित्र मानते हुए कोविड-19 के दौरान राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन अवधि को अवसर में बदलते हुए प्रदेश के लगभग 17 लाख किसान परिवारों को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए कई नई योजनाएं बनाकर उनके आर्थिक विकास के द्वार खोले हैं। उनकी यह सोच है कि ‘‘किसान खुशहाल तो हरियाणा खुशहाल, हरियाणा खुशहाल तो देश खुशहाल’’। Agriculture Minister JP Dalal said - Opposition parties are doing politics on ordinances hn (1) कृषि मंत्री ने कहा कि डिजिटलाइजेशन का यह कार्य प्रदेश में दो वर्ष पूर्व आरंभ की गई ‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’’ पोर्टल के लिए उस समय काफी कारगर सिद्ध हुआ, जब लॉकडाउन के बावजूद इस वर्ष रबी फसलों की ई-खरीद के माध्यम से गेहूं व सरसों की रिकार्ड खरीद संभव हो पाई। पोर्टल के डाटा का उपयोग करके इस रबी सीजन के दौरान 1800 मंडियों व खरीद केन्द्रों में 74.43 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गई। किसानों को टोकन दिए गए और उन्हें एसएमएस भेजे गए कि किस दिन उन्हें फसल लेकर मंडी में आना है। किसान निर्धारित तिथि को आए और मंडी में अनाज छोड़कर चले गए। किसानों ने भी यह महसूस किया कि खरीद प्रक्रिया का सम्पूर्ण सिस्टम ऑटोमैटिक हो गया है। उन्होंने कहा कि बाजरा, मक्का व अन्य खरीफ फसलों की खरीद भी ‘‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’’ पोर्टल पर पंजीकृत किए गए रकबे के अनुरूप की जाएगी ---PTC NEWS---

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