चौटाला ने क्यों किया सट्टा बाजार का जिक्र, क्यों कहा एजेंटों के वोट भी नहीं पड़े ?

By  Arvind Kumar February 2nd 2019 01:07 PM -- Updated: February 2nd 2019 01:17 PM

रोहतक। इनेलो नेता अभय चौटाला ने जींद उपचुनाव के परिणाम को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ईवीएम में हेरफेर की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे पहले से ही तय थे। चौटाला ने कहा कि ईवीएम की देखरेख का जिम्मा गुजरात की कंपनी के पास है और इस कंपनी का मालिक आरएसएस से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि 5 फरवरी तक जींद विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से शपथ पत्र लेकर 6 फरवरी को चंडीगढ़ में खुलासा किया जाएगा। अभय चौटाला, जींद उपचुनाव के परिणाम को लेकर रोहतक में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने जीत के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। पंचों-सरपंचों को प्रलोभन दिया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव में गड़बड़ी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बूथ ऐसे हैं जहां इनेलो के एजेंट भी थे, लेकिन वहां पार्टी प्रत्याशी को एक भी वोट नहीं आया। उन्होंने खास तौर पर मतलौडा गांव का जिक्र किया। इसी के साथ कुछ अन्य बूथों का भी उदाहरण दिया। [caption id="attachment_249945" align="aligncenter"]Abhay Chautala रोहतक में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इनेलो नेता अभय चौटाला[/caption] चौटाला ने कहा कि वे यह तो मानते थे कि चुनाव के नतीजे कुछ भी हो सकते हैं, लेकिन इस तरह की गड़बड़ी होगी, उन्हें अंदेशा नहीं था। उन्होंने कहा कि सट्टा बाजार ने भी इनेलो प्रत्याशी को 15 हजार वोट आने का आंकलन किया था। इनेलो नेता ने कहा कि चुनाव परिणाम का आंकलन किया जा रहा है। बूथों पर ड्यूटी देने वाले कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी लगाई गई है। वे जींद के इन बूथों पर वोट डालने वाले मतदाताओं से शपथ पत्र लेंगे और फिर उन शपथ पत्रों को चुनाव आयोग को सौंपा जाएगा। [caption id="attachment_249944" align="aligncenter"]INLD Leader इनेलो नेता अभय चौटाला ने जींद उपचुनाव के परिणाम को लेकर उठाए सवाल[/caption] यह भी पढ़ें : जींद उपचुनाव में 18 प्रत्याशियों की जमानत जब्त, 16 को नोटा से भी कम मिले वोट अभय चौटाला ने जननायक जनता पार्टी पर भी मतदाताओं को खुले में पैसा बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में अलग ही तरह का गेम हुआ है। चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों के लिए खर्च सीमा 28 लाख रुपए तय की है, लेकिन जींद में आम आदमी भी यह बात कह रहा है कि सुरजेवाला ने चुनाव में जीत के लिए 50 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। वहीं, चुनाव के दौरान जिन लोगों के पैसे पकड़े गए, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वहीं इनेलो नेता ने पार्टी में टूट को हार का कारण मानने से साफ तौर पर इंकार किया। साथ ही कहा कि हार से बसपा के साथ गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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