कृषि मंत्री जेपी दलाल पर बरसे अभय चौटाला, कहा- ऐसे व्यक्ति को सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं

By  Arvind Kumar February 15th 2021 10:07 AM

यमुनानगर। कृषि मंत्री द्वारा किसानों पर विवादित बयान का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। रादौर के गांव जुब्बल में आयोजित किए गए इनेलो के किसान मजदूर जन जागरण अभियान में भाग लेने पहुंचे इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा किसानों पर की गई विवादित टिप्पणी पर जमकर बरसे। कृषि मंत्री के ब्यान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे व्यक्ति को सत्ता में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसे व्यक्ति समाज व किसानी के ऊपर कलंक है। [caption id="attachment_475009" align="aligncenter"]Abhay Lashed Out at JP Dalal कृषि मंत्री जेपी दलाल पर बरसे अभय चौटाला, कहा- ऐसे व्यक्ति को सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं[/caption] अभय चौटाला ने कहा कि वह दलाल खाप से आग्रह करेंगे कि वह जेपी दलाल को समाज से निकालने की पहल करे। वहीं विधानसभा में पहुंचने पर भी सभी पक्ष व विपक्ष के सदस्य जिन्होंने किसान के घर जन्म लिया इसके गो बैक के नारे लगाए और जब तक वह कान पकड़कर माफी न मांगे इसे माफ नहीं करना चाहिए। यह भी पढ़ें- पुलवामा हमले की बरसी पर जम्मू में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद यह भी पढ़ें- मंत्री के बयान पर बवाल: किसानों ने फूंका कृषि मंत्री जेपी दलाल का पुतला [caption id="attachment_475011" align="aligncenter"]Abhay Lashed Out at JP Dalal कृषि मंत्री जेपी दलाल पर बरसे अभय चौटाला, कहा- ऐसे व्यक्ति को सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं[/caption] एक सवाल का जवाब देते हुए अभय चौटाला ने कहा कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव केवल कागजों तक ही सीमित है। क्योंकि जब भाजपा सरकार इस प्रस्ताव को लेकर आई थी तब उन्होंने इस पर कोई चर्चा नहीं की। अभय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा बीजेपी का एजेंट है। क्योंकि सुभाष चंद्रा को राज्यसभा सदस्य बनाने में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी और जब अपने बेटे को राज्यसभा में भेजने की बात आई तब भी उसने बीजेपी से अंदरखाते समझौता किया। [caption id="attachment_475008" align="aligncenter"]Abhay Lashed Out at JP Dalal कृषि मंत्री जेपी दलाल पर बरसे अभय चौटाला, कहा- ऐसे व्यक्ति को सत्ता में बैठने का अधिकार नहीं[/caption] अविश्वास प्रस्ताव के नाम पर वह केवल शोर शराबा करेंगे और सदन से बाहर चले जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब केन्द्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी तब कांग्रेस पार्टी इस काले बिल को टेबल पर लेकर आई थी लेकिन उसके पास बहुमत न होने के कारण इसे कमेटी के पास भेज दिया गया। लेकिन जब भाजपा सत्ता में आई तो उन्होंने अपने बहुमत से इस पास कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को इस कानून को जल्द से जल्द वापस लेना चाहिए। अगर सरकार यह सोच रही है कि कानून वापसी से पहले किसान आंदोलन को समाप्त कर देगें तो यह सरकार की भूल है।

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