11 साल का बच्चा कुल्फियां बेच कर चला रहा परिवार, नशा मुक्ति केंद्र में पिता के इलाज की देता है 5 हजार फीस
नशे की लत ने हजारों परिवारों को बर्बाद कर दिया। नशे की लत के शिकार आदमी का जीवन तो बर्बाद होता ही, लेकिन आने वाले पीढ़ियों का भविष्य भी अंधकार में चला जाता है। उन्हें अपने बड़ों की करनी का नतीजा भुगतना पड़ता है। कुछ ऐसी कहानी है अमृतसर में रहने वाले 11 साल के बच्चे गुरविंदर सिंह की।
अमृतसर के सुल्तानविंड रोड का रहने वाला गुरविंदर सिंह 11 साल की उम्र का बच्चा घर की मजबूरी और पिता के नशेड़ी होने के चलते कुल्फी की रेहड़ी लगा कर कुल्फियां बेच कर परिवार का गुजारा कर रहा है। पिता शुरू से ही नशे का आदी है और नशा करके परिवार में मारपीट भी करता था और घर का कीमती सामान भी बेच देता था, जिसके चलते पिता को नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल करवा के उसका इलाज करवाया जा रहा है, जिसके लिए हर महीने 5000 रुपए देने होते है।
गुरविंदर ने बताया कि उसके पिता नशे की लत है, जिसके चलते उसकी पढ़ाई भी अधूरी रह गई है। अब वह कुल्फियां की रेहड़ी लगा कर अपनी मां का सहारा बनकर घर का गुजारा चला रहा है,उसने कहा कि उसे कुल्फियां बेच कर हर महीने 4000 रुपये मिलते हैं, कुल्फी की रेहड़ी भी उसकी खुद की नहीं है। शाम 5 बजे से लेकर रात 11-12 बजे तक कुल्फियां बेचता है जिसके चलते उसकी मां भी उसके साथ रहती है, ताकि कोई उसके मेहनत के पैसे न लूट ले जा सके, कोई नुकसान ना पहुंचा दे।
गुरविंदर ने बताया कि परिवार में उसकी माता और दो बहनें भी हैं जो मेहनत करती हैं और मिल कर घर का गुजारा करते हैं। गुरविंदर का सपना है कि वह पढ़ कर आर्मी में अफसर बने और देश की सेवा करे, लेकिन इतने कम समय में सिर पर घर की जिम्मेदारियां आ पड़ी।
गुरविंदर ने मदद की गुहार लगाई है कि कोई समाज सेवी संस्था उनकी मदद करें ताकि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर पाए और अपने पिता का इलाज करवा के बढ़िया जिंदगी जी सके।