बीजेपी के लिए किसी झटके से कम नहीं अकाली दल का NDA से अलग होना
चंडीगढ़। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से शिरोमणि अकाली दल का अलग होना भाजपा के लिए किसी झटके से कम नहीं है। खासकर जिस मुद्दे को लेकर अकाली दल ने एनडीए से अपना रिश्त तोड़ा है, उससे तो यही लगता है कि भाजपा ने इन बिलों पर अपने सहयोगियों को विश्वास में ना लेकर बड़ी गलती कर दी है! कृषि बिलों को लेकर शिरोमणि अकाली दल लगातार केंद्र से नाराजगी जता रहा था। शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह बादल ने सदन में भी खुलकर इन बिलों का विरोध किया था और कोई सुनवाई ना होने पर बाद में सरकार से हटने का फैसला ले लिया था। लेकिन अब पार्टी ने NDA से भी अपना रिश्ता तोड़ दिया है। यह भी पढ़ें: बरोदा में घेराव की घटना को जेपी दलाल ने बताया विपक्षी दलों की चाल यह भी पढ़ें: किसानों ने निकाली केंद्र सरकार की शव यात्रा, पुतला फूंका शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता सुखबीर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अब उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा नहीं है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि यह पार्टी के कई सदस्यों की ओर से निर्णय लिया गया है। अब यह औपचारिक हो चुका है कि गठबंधन टूट चुका है।
वहीं गठबंधन टूटने के बाद अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट किया है, "यदि 3 करोड़ पंजाबियों का दर्द और विरोध-प्रदर्शन भारत सरकार के कठोर रुख को बदलने में विफल रहता है, तो यह वाजपेयी जी और बादल साहब द्वारा परिकल्पित #NDA नहीं है। एक गठबंधन अपने सबसे पुराने सहयोगी के लिए कान बहरे कर देता है और पूरे देश को खिलाने वालों की अपील पर आंखें मूंद लेना कहीं से भी पंजाब के हित में नहीं है।" बता दें कि भाजपा के लिए अपने सहयोगियों के बीच विश्वास कायम रख पाना चुनौती बनता जा रहा है। इससे पहले शिवसेना भी एनडीए से अलग हो चुकी है। ऐसे में देखना होगा कि बीजेपी अकाली दल के इस रुख के बाद किसान बिलों को लेकर क्या कदम उठाती है। ---PTC NEWS---If Pain & Protests of 3 cr punjabis fail to melt the rigid stance of GoI, it's no longer the #NDA envisioned by Vajpayee ji & Badal sahab. An alliance that turns a deaf ear to its oldest ally & a blind eye to pleas of those who feed the nation is no longer in the interest of Pb. https://t.co/OqU6at00Jx — Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 26, 2020