कोविड 19 वैक्सीनेशन पंजीकरण की काॅल आए तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं ठगी का शिकार
चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस ने कोविड-19 के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान के मद्देनजर नागरिकों को साइबर जालसाजों से सावधान रहने का आग्रह करते हुए कहा कि ऐसे धोखेबाज कोरोनावायरस वैक्सीन लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन का झांसा देकर लोगों से ठगी कर सकते हैं। [caption id="attachment_472786" align="aligncenter" width="700"] कोविड 19 वैक्सीनेशन पंजीकरण की काॅल आए तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं ठगी का शिकार[/caption] अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था), हरियाणा नवदीप सिंह विर्क ने आज यहां इस संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि ऑनलाइन ठगी या साइबर फ्राॅड करने वाले किसी भी स्थिति को भुनाने के लिए कोई भी नया तरीका अपना सकते हैं। ऐसे जालसाज नागरिकों को फोन कॉल, ईमेल व व्हाट्सएप सहित अन्य सोशल मीडिया एप्लिकेशन के माध्यम से धोखा दे सकते हैं। यह भी पढ़ें- 26 जनवरी की हिंसा में शामिल संदिग्धों की तस्वीरें जारी यह भी पढ़ें- दिल्ली हिंसा में वांछित दीप सिद्धू और उसके साथियों की सूचना देने पर ईनाम की घोषणा [caption id="attachment_472787" align="aligncenter" width="700"] कोविड 19 वैक्सीनेशन पंजीकरण की काॅल आए तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं ठगी का शिकार[/caption] साइबर ठगी के तरीके का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि जालसाज कोरोना वैक्सीन की रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों को फोन कॉल कर रहे हैं। इसके साथ ही, कोविड-19 वैक्सीन पंजीकरण के नाम पर संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि आधार नंबर, ईमेल आदि की भी मांग की जा रही है। साइबर जालसाज आधार नंबर को प्रमाणित करने के लिए ओटीपी साझा करने की बात भी कहते हैं। काॅल आने पर जैसे ही ओटीपी शेयर किया जाता है तो आधार-लिंक्ड बैंक खाते से पैसो की धोखाधड़ी हो जाती है। [caption id="attachment_472789" align="aligncenter" width="700"] कोविड 19 वैक्सीनेशन पंजीकरण की काॅल आए तो हो जाएं सावधान, हो सकते हैं ठगी का शिकार[/caption] पुलिस की अपील एडीजीपी विर्क ने नागरिकों को सजगता के साथ सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि वे ’कोविड वैक्सीन पंजीकरण’ के लिए किसी भी फोन कॉल को अटैंड न करते हुए बैंक अकांउट, आधार कार्ड, एटीएम कार्ड सहित अन्य व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। नागरिक साइबर ठगों से अलर्ट रहें तथा कोविड-19 टीकाकरण के लिए केवल सरकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमोदित या जारी किए गए मोबाइल एप्लिकेशन का ही उपयोग करें।